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Supreme Court : अयोध्या पर फैसला देने वाले जजों को प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किया गया।

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Supreme Court के जजों को रामलला प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किया गया। साल 2019 में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में फैसला देने वाले सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों को 22 जनवरी को अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में राम लला के अभिषेक समारोह में आमंत्रित किया गया है।

Supreme Court के तत्कालीन जज सीजेआई रंजन गोगोई, पूर्व सीजेआई एसए बोबडे, वर्तमान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और पूर्व न्यायाधीश अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर की पांच सदस्यीय पीठ ने विवादित स्थल पर एक ट्रस्ट द्वारा भव्य राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया था। Supreme Court की इस पीठ ने पूरी विवादित भूमि रामलला को दे दी और सरकार को मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए वैकल्पिक पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का आदेश दिया।

अयोध्या में, बाबरी मस्जिद भगवान राम के जन्मस्थान के ऊपर खड़ी थी। सबसे बड़ा विवाद यही था। एक राय है कि भगवा खेमे ने 1980 के दशक के अंत में एक निरंतर अभियान शुरू किया। जो अंततः 6 दिसंबर 1992 में मस्जिद के विध्वंस का कारण बना। मस्जिद के गिराने के बाद से ही यह मामला कोर्ट में विचाराधीन रहा। साल 2019 में Supreme Court के द्वारा इस विवाद पर अपना फैसला सुनाया।

मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई राम लला की 51 इंच की मूर्ति को गुरुवार को मंदिर के गर्भगृह में रखा गया। घूंघट से ढकी इस मूर्ति में भगवान राम को पांच साल के बच्चे के रूप में दर्शाया गया है जो उसी पत्थर से बने कमल पर खड़े हैं।

सोशल मीडिया X एक पोस्ट डाला गया है। जिसमे लिखा है –

अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह के अंदर स्थापित की जाने वाली रामलला की मूर्ति की पहली झलक।

22 जनवरी को रामलला की पुरानी मूर्ति को रामलला की नई मूर्ति के साथ रखा जाएगा.

जय श्री राम।

वर्त्तमान एक चर्चा का विषय बन रहा था की नयी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। जिसे 22 जनवरी को गर्भ गृह में स्थापित किया जाएगा। क्या होगा पुरानी मूर्ति का जिसकी पूजा अभी सब लोग कर रहे है ?

सोशल मीडिया X पर ANI की तरफ से एक पोस्ट डाला गया है। जिसमे लिखा है –

#देखें | अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास कहते हैं, “राम लला की मूर्ति जो वर्तमान में अस्थायी मंदिर में है, उसे भी नए मंदिर में उसी स्थान पर रखा जाएगा। मूर्ति की पूजा कई वर्षों से की जा रही है, और अब इसकी पूजा नई मूर्ति के साथ की जाएगी। आज शाम की पूजा के बाद पुरानी मूर्ति को नए मंदिर में रखा जाएगा… प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने के बाद ही लोग दोनों मूर्तियों की पूजा कर पाएंगे।” 

 

अब यह पूरी तरह से स्पस्ट हो गया है कि गर्भ गृह में भगवान् राम कि नयी और पुरानी दोनों ही मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा।

इस बीच, 22 जनवरी को नवनिर्मित राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम लला के विशाल प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या में तैयारियां जोरों पर हैं।

अनुष्ठान मंगलवार को शुरू हुआ और 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के साथ समाप्त होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की औपचारिक स्थापना की अध्यक्षता करने वाले हैं। मंदिर 23 जनवरी से आम जनता के दर्शन के लिए खुला रहेगा।

प्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर केंद्र ने गुरुवार को घोषणा की कि 22 जनवरी को सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालय आधे दिन के लिए बंद रहेंगे।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण एक लम्बे संघर्ष का परिणाम है। इस छण की प्रतीक्षा समस्त हिन्दू समुदाय कितने वर्षो से थी। भगवान राम का भव्य मंदिर सभी जनमानस की चिंताओं को दूर करते हुए भगवान् राम की घर वापसी के तौर पर भी देखा जा रहा है।

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One Comment to Supreme Court : अयोध्या पर फैसला देने वाले जजों को प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किया गया।

  1. Supreme Court के जजों को अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किया गया है 🕊️। ये वे जज हैं जिन्होंने साल 2019 में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले का फैसला दिया था। मंदिर में नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है, और पुरानी मूर्ति को नए मंदिर में रखा जाएगा। 🪔🙏 #SupremeCourt #Ayodhya #RamMandir #PranaPratishtha

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