Tsunami
Tsunami : उन्नीस साल पहले 26 December 2004 को दुनिया ने सबसे खतरनाक आपदा देखी थी । वो मंजर आज भी आज हमें डरा देता है । साल 2004 के हिंद महासागर में आए भूकंप और सुनामी में इंडोनेशिया, श्रीलंका, भारत, थाईलैंड और नौ अन्य देशों में 2,30,000 से अधिक लोग मारे गए।
साल 2004 में क्रिसमस के बाद की सुबह, उत्तरी सुमात्रा द्वीप पर 9.1 तीव्रता के भूकंप के कारण 17.4 मीटर (57 फीट) ऊंची लहरों के साथ Tsunami आई, जो कई देशों के संवेदनशील तटीय क्षेत्रों में बह गई। इसे सुमात्रा-अंडमान भूकंप या बॉक्सिंग डे सुनामी के नाम से भी जाना जाता है।
सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, झटके इतने तेज़ थे कि यह उन कुछ मौकों में से एक था जब पूरी दुनिया कांप उठी और पृथ्वी का कोई भी क्षेत्र गतिहीन नहीं रहा। पेन स्टेट यूनिवर्सिटी में जियोसाइंसेज के एसोसिएट प्रोफेसर चार्ल्स अम्मोन ने कहा, “वैश्विक स्तर पर, यह भूकंप इतना बड़ा था कि मूल रूप से पूरे ग्रह को आधा इंच या एक सेंटीमीटर तक कंपन कर सकता था। हमारे पास जहां भी उपकरण थे, हम गति देख सकते थे।” उस समय।
26 Dec 2004: A huge #tsunami triggered by a 9.1-magnitude earthquake in the #Indian Ocean kills more than 230,000 people, mostly in southern Asia. It is estimated that the wave of the tsunami reached 100 feet. #OTD #History #ad https://t.co/wt1YzPkVLv pic.twitter.com/SPMIQBAaXn
— Today In History (@URDailyHistory) December 26, 2023
रॉयटर्स के अनुसार, Tsunami के बाद, मरने वालों की संख्या बढ़ती गई और शव सड़कों पर बिखरे पड़े थे, जिन्हें इकट्ठा किए जाने का इंतज़ार किया जा रहा था। अस्पतालों और मुर्दाघरों को घायलों और हतप्रभ पीड़ितों और फूली हुई लाशों से निपटने के लिए संघर्ष करना पड़ा।
इंडोनेशिया में, Tsunami ने अधिकांश समुद्र तट को निगल लिया, लगभग 5,70,000 लोग विस्थापित हुए और 1,79,000 घर और इमारतें नष्ट हो गईं। इस बीच, भारत में, चेन्नई में लगभग 10,000 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। लगभग 40,000 मौतों के साथ श्रीलंका अगला सबसे अधिक प्रभावित देश था, जबकि थाईलैंड में कई विदेशी पर्यटकों सहित लगभग 5,400 लोग मारे गए थे।
Nineteen years ago, the world witnesses one of the most deadly disasters. The 2004 Indian Ocean earthquake and #Tsunami kill more than 2,30,000 people in #Indonesia, #SriLanka, #India, #Thailand, and nine other countries.
Today is the 19th anniversary of the 2004 Tsunami, locals… pic.twitter.com/aPmIHezPeR
— DD India (@DDIndialive) December 26, 2023
2004 के भूकंप से ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय प्लेटों का 900 मील का हिस्सा टूट गया था, जो समुद्र की सतह से 31 मील नीचे आया था। हिस्ट्री डॉट कॉम के अनुसार, भूकंप ने केवल एक शक्तिशाली झटका देने के बजाय, दस निरंतर मिनटों के दौरान कई हजार परमाणु बमों जितनी दबी हुई ऊर्जा छोड़ी।
कई लोगों ने एक्स, जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था, का सहारा लिया और भयानक त्रासदी के पीड़ितों को याद किया।
Nation remembers all those who faced devastation and perished in #Tsunami on 26th December 2004.#Tsunami2004 pic.twitter.com/6E4vWs7QGZ
— BN Adhikari (Modi Family) (@AdhikariBN) December 26, 2023
Tsunami है क्या ?
समुद्र के भीतर अचानक जब बड़ी तेज़ हलचल होने लगती है तो उसमें तूफान उठता है जिससे ऐसी लंबी और बहुत ऊंची लहरों का रेला उठना शुरू हो जाता है जो ज़बरदस्त आवेग के साथ आगे बढ़ता है, इन्हीं लहरों के रेले को Tsunami कहते हैं। दरअसल सूनामी जापानी शब्द है जो ‘सू’ और ‘नामी’ से मिल कर बना है। सू का अर्थ है समुद्र तट औऱ नामी का अर्थ है लहरें।
जब कभी भीषण भूकंप की वजह से समुद्र की ऊपरी परत अचानक खिसक कर आगे बढ़ जाती है तो समुद्र अपनी समांतर स्थिति में ऊपर की तरफ बढ़ने लगता है। उस वक़्त बनने वाली लहरें Tsunami लहरें होती हैं। सूनामी लहरें, समुद्री तट पर भीषण तरीके से हमला करती हैं और जान-माल का बुरी तरह नुक़सान कर सकती है। इनकी भविष्यवाणी करना मुश्किल है।
जिस तरह वैज्ञानिक भूकंप के बारे में भविष्य वाणी नहीं कर सकते वैसे ही सूनामी के बारे में भी अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता। लेकिन सूनामी के अब तक के रिकॉर्ड को देखकर और महाद्वीपों की स्थिति को देखकर वैज्ञानिक कुछ अंदाज़ा लगा सकते हैं। धरती की जो प्लेट्स या परतें जहाँ-जहाँ मिलती है वहाँ के आसपास के समुद्र में सूनामी का ख़तरा ज़्यादा होता है।
इसे जापानी भाषा में सुनामी बोलते हैं जिसका मतलब होता है बन्दरगाह के निकट की लहर। दरअसल ये बहुत लम्बी और सैकड़ों किलोमीटर चौड़ाई वाली होती हैं, यानी कि लहरों के निचले हिस्सों के बीच का फ़ासला सैकड़ों किलोमीटर का होता है। परंतु जब ये तट के पास आती हैं, तो लहरों का निचला हिस्सा ज़मीन को छूने लगता है, इनकी गति कम हो जाती है और ऊँचाई बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में जब ये तट से टकराती हैं तो तबाही होती है। इनकी गति 420 किलोमीटर प्रति घण्टा तक और ऊँचाई 10 से 18 मीटर तक हो सकती है।
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