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Satnam Singh Sandhu: कौन है, जिनको राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए किया मनोनीत ?

Satnam Singh Sandhu

Satnam Singh Sandhu

Satnam Singh Sandhu को राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए किया मनोनीत किया है। सतनाम सिंह संधू चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर हैं।एक किसान का बेटा, जो देश के अग्रणी शिक्षाविदों में से एक बन गया, वह अपने दो गैर सरकारी संगठनों ‘इंडियन माइनॉरिटीज़ फाउंडेशन’ और न्यू इंडिया के माध्यम से स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार और सांप्रदायिक सद्भाव को आगे बढ़ाने के सामुदायिक प्रयासों में शामिल है।  

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने Satnam Singh Sandhu को एक्स की बधाई दी। सोशल मीडिया X पर उन्होंने लिखा –

मैं श्री सतनाम सिंह संधू जी के राज्यसभा के लिए नामांकन का स्वागत करता हूं। सामुदायिक सेवा में उनका समृद्ध कार्य और शिक्षा, नवाचार और सीखने के प्रति उनका जुनून राज्यसभा के लिए ताकत का बड़ा स्रोत होगा। मैं उनके कार्यकाल के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।’

Satnam Singh Sandhu ने सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट डाला। जिसमे लिखा है –

आपकी दयालु शुभकामनाओं से अभिभूत, माननीय
@VPIndia
जी 🙏 राज्यसभा के लिए मनोनीत होना एक बहुत बड़ा सम्मान है। मैं अपनी सेवाएँ हमारे राष्ट्र को समर्पित करने और लोगों की आवाज़ बनने की इच्छा रखता हूँ।

मैं #विकितभारत के विचार को देश और विदेश में फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Satnam Singh Sandhu को बधाई दी। उन्होंने कहा कि संधू एक प्रख्यात शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। सोशल मीडिया X पर उन्होंने लिखा –

मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति जी ने श्री सतनाम सिंह संधू जी को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। सतनाम जी ने खुद को एक प्रसिद्ध शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में प्रतिष्ठित किया है, जो विभिन्न तरीकों से जमीनी स्तर पर लोगों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने हमेशा राष्ट्रीय एकता को आगे बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है और भारतीय प्रवासियों के साथ भी काम किया है। मैं उन्हें उनकी संसदीय यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं और मुझे विश्वास है कि राज्यसभा की कार्यवाही उनके विचारों से समृद्ध होगी।

कौन हैं सतनाम सिंह संधू ?

सतनाम सिंह संधू भारत के प्रमुख शिक्षाविदों में से एक हैं। वह पंजाब के एक किसान के बेटे हैं। वह एक कृषक भी हैं। सतनाम सिंह संधू ने 2001 में मोहाली के लांडरां में चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेज (सीजीसी) की स्थापना की। 2012 में, उन्होंने चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की स्थापना की। उनका प्रारंभिक जीवन कठिनाइयों से भरा था। उन्होंने अपनी शिक्षा प्राप्त करने के लिए संघर्ष किया।

अपने कठिन बचपन के कारण, वह बाद में जीवन में एक कट्टर परोपकारी बन गए। वह अक्सर छात्रों की आर्थिक मदद करते रहते हैं। वह जनता के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार के सामुदायिक प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। वह देश में सांप्रदायिक सद्भाव को आगे बढ़ाने के लिए दो गैर सरकारी संगठन इंडियन माइनॉरिटीज फाउंडेशन और न्यू इंडिया डेवलपमेंट (एनआईडी) फाउंडेशन चलाते हैं।

Satnam Singh Sandhu ने सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट डाला। जिसमे लिखा है –

धन्यवाद प्रधानमंत्री जी
@नरेंद्र मोदी
जी, आपने मुझ पर जो विश्वास जताया है और मुझे अपने महान मिशन का एक छोटा सा हिस्सा बनने का अवसर दिया है, उसके लिए धन्यवाद। आप जिस नए भारत का निर्माण कर रहे हैं, उसके लिए इस तथ्य से बड़ा कोई प्रमाण नहीं हो सकता कि मेरे जैसे एक साधारण किसान परिवार के व्यक्ति को लोगों की आकांक्षाओं को आवाज देने का अवसर दिया गया है।

मेरा जीवन एक मिशन के लिए समर्पित है- हमारे राष्ट्र के लिए आपके हर प्रयास को मजबूत करना और 2047 तक एक विकसित भारत का निर्माण करना।

Satnam Singh Sandhu को राष्ट्रपति के द्वारा राज्यसभा के लिए किया मनोनीत किया जाना शिक्षा जगत के लिए एक सुखद सन्देश है। संधू देश में सांप्रदायिक सद्भाव को आगे बढ़ाने के लिए दो गैर सरकारी संगठन इंडियन माइनॉरिटीज फाउंडेशन और न्यू इंडिया डेवलपमेंट (एनआईडी) फाउंडेशन को चलते है। जो उनका समाज के प्रति लगाव को दर्शाता है।  

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