PSLV-C58 XPoSat : ब्लैक होल का अध्ययन करने के लिए इसरो ने 1 जनवरी को XPoSat उपग्रह लॉन्च किया।
PSLV-C58 XPoSat
PSLV-C58 XPoSat: इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपना पहला एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट लॉन्च किया, जिसे XPoSat के नाम से भी जाना जाता है। इस सैटेलाइट के माध्यम से इसरो ब्लैक होल का अध्ययन करेगा ।
लांच अपडेट
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भारत का पहला एक्स-रे पोलारिमीटर उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जिसे एक्सपीओसैट भी कहा जाता है, जो सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान रॉकेट पर ब्लैक होल जैसी खगोलीय वस्तुओं की जानकारी प्रदान करेगा। इसरो ने कहा, पीएसएलवी-सी58 रॉकेट ने अपने 60वें मिशन में पेलोड एक्सपीओसैट को कम पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक तैनात किया।
इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपना पहला एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट लॉन्च किया, जिसे XPoSat के नाम से भी जाना जाता है।
PSLV-C58 रॉकेट ने 1 जनवरी 2024 को चेन्नई से लगभग 135 किमी पूर्व में स्थित इस स्पेसपोर्ट के पहले लॉन्च पैड से सुबह 9.10 बजे उड़ान भरी। यह आकाशीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन के अंतरिक्ष-आधारित ध्रुवीकरण माप में अनुसंधान करने वाला इसरो का पहला समर्पित वैज्ञानिक उपग्रह है।
सोशल मीडिया X पर Dr Jitendra Singh ने पोस्ट डाला जिसमे लिखा – #ISRO begins 2024 in style
#ISRO begins 2024 in Style!
Successful launch of PSLV-C58/ 🛰 XPoSat Mission.
Proud to be associated with the Department of Space at a time when Team @isro continues to accomplish one success after the other, with the personal intervention & patronage from PM Sh @narendramodi. pic.twitter.com/cisbjpUYpH— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) January 1, 2024
PSLV-C58 मिशन का उद्देश्य
PSLV-C58 मिशन के उद्देश्य में लगभग 50 संभावित ब्रह्मांडीय स्रोतों से निकलने वाले ऊर्जा बैंड 8-30 केवी में एक्स-रे के ध्रुवीकरण को मापना शामिल है, ताकि ब्रह्मांडीय एक्स-रे स्रोतों के दीर्घकालिक वर्णक्रमीय और अस्थायी अध्ययन को पूरा किया जा सके।
एक्स-रे ध्रुवीकरण आकाशीय स्रोतों के विकिरण तंत्र और ज्यामिति की जांच के लिए एक महत्वपूर्ण नैदानिक उपकरण के रूप में कार्य करता है। XPoSat का प्राथमिक पेलोड POLIX (एक्स-रे में पोलारिमीटर उपकरण) है जिसे रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट और यू आर राव सैटेलाइट सेंटर, बेंगलुरु द्वारा निर्मित XSPECT (एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग) द्वारा पोलारिमेट्री मापदंडों को मापने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इसरो 2024
इसरो ने अपने पहले एक्स-रे पोलारिमीटर उपग्रह के प्रक्षेपण के साथ नए साल का स्वागत किया। यह प्रक्षेपण अक्टूबर में गगनयान परीक्षण वाहन डी1 मिशन की सफलता के बाद हुआ।
सोशल मीडिया X पर इसरो ने वीडियो पोस्ट डाला । जिसमे XPoSat को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित करते हुए दिखाया गया है।
PSLV-C58/XPOSAT MISSION:
The launch of XPoSat by PSLV-C58 is accomplished successfully.
The vehicle has placed the satellite precisely into its intended orbit.#XPoSat #PSLV58 pic.twitter.com/6rIyiWENAl
— ISRO InSight (@ISROSight) January 1, 2024
कौशल के शानदार प्रदर्शन में, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग और भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य-एल1 के प्रक्षेपण के साथ भारत 2023 में नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया।
देश के पहले सफल चंद्र लैंडिंग मिशन, चंद्रयान -3 का प्राथमिक उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास एक नरम लैंडिंग का प्रदर्शन करना और लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ पर लगे उपकरणों का उपयोग करके प्रयोग करना था।
23 अगस्त 2023 को, विक्रम लैंडर ने चंद्रमा पर अपनी ऐतिहासिक लैंडिंग की और उसके बाद, अज्ञात चंद्र दक्षिणी ध्रुव का सर्वेक्षण करने के लिए प्रज्ञान रोवर को तैनात किया गया।
अब भारत के अन्य कार्यों में गगनयान मिशन, 2035 तक ‘भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन’ की स्थापना और 2040 तक चंद्रमा पर पहले भारतीय को भेजना शामिल है।
नासा
इसरो के अलावा, अमेरिका स्थित नेशनल एयरोनॉटिक्स स्पेस एजेंसी (NASA) ने दिसंबर 2021 में सुपरनोवा विस्फोटों के अवशेषों, ब्लैक होल द्वारा उत्सर्जित कण धाराओं और अन्य ब्रह्मांडीय घटनाओं पर एक समान अध्ययन – इमेजिंग एक्स-रे पोलारिमेट्री एक्सप्लोरर मिशन आयोजित किया। .
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा PSLV-C58 XPoSat का सफल परीक्षण दुनिया में इसरो की ताकत को दर्शाता है । साल 2023 में इसरो की कामयाबी ने विश्व को अचंभित कर दिया। इसरो दिन प्रतिदिन नयी नयी बुलंदियों को छू रहा है । सोशल मीडिया X पर लोग इसरो को PSLV-C58 XPoSat के सफल परीक्षण के लिए शुभकामनाये दे रहे है ।
न्यूज़ पल किसी भी तरह का दावा नहीं करता । न्यूज़ पल सिर्फ खबरों का विश्लेषण करता है और कुछ नहीं । इसरो को हम सभी लोगो की तरफ से ढेरो शुभकामनाये ।
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