National Farmers Day : 23 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है।
National Farmers Day
National Farmers Day: किसान दिवस किसानों और कृषि के माध्यम से राष्ट्रीय योगदान का जश्न मनाने के लिए विभिन्न देशों में एक वार्षिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह दुनिया भर में अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है।
- भारत में 23 दिसंबर को
- अमेरिका में 12 अक्टूबर को
- साउथ कोरिया 11 नवंबर को
- वियतनाम 14 अक्टूबर को
- ज़ाम्बिया में अगस्त के 1st सोमवार को
- घाना में दिसंबर के 1st फ्राइडे को
Farmers Day के रूप में मनाया जाता है।
किसान हमारे देश की रीढ़ हैं। वे हमें भोजन उपलब्ध कराने के लिए चौबीसों घंटे काम करते हैं। हमारे दैनिक जीवन में उनका योगदान बहुत बड़ा और अनगिनत है। वे इस देश के प्रत्येक व्यक्ति को खिलाने में मदद करते हैं और आर्थिक विकास में भी योगदान देते हैं। हमारा देश काफी हद तक कृषि पर निर्भर है और किसान यह सुनिश्चित करते हैं कि वे हमें दैनिक भोजन उपलब्ध कराने में कड़ी मेहनत करें।
अक्सर वे जिन कठिनाइयों से गुज़रते हैं वे बहुत बड़ी होती हैं। कम मज़दूरी से लेकर गरीबी और भुखमरी तक, किसानों का जीवन कठिन है। राष्ट्रीय किसान दिवस देश के प्रत्येक किसान को समर्पित है जो देश के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे पास कभी भी भोजन की कमी न हो।
भारत में National Farmers Day
राष्ट्रीय किसान दिवस, जिसे ‘किसान दिवस’ के नाम से भी जाना जाता है, किसानों की कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का जश्न मनाने के लिए हर साल भारत में 23 दिसंबर को मनाया जाता है। प्राचीन काल से भारत को कृषि प्रधान देश माना जाता रहा है ।
एक अनुमान के अनुसार भारत में 65 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर है । इसलिए 23 दिसंबर को किसानो को सम्मान देने के लिए किसान दिवस (Farmers Day) के रूप में मनाया जाता है ।
इस अवसर को मनाने के लिए 23 दिसंबर को चुना गया क्योंकि यह पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म दिवस है। पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 में हुआ था। चौधरी चरण सिंह उत्तर प्रदेश से थे और देश के किसानों के कल्याण के लिए काम करते थे।
उनके मंत्री और प्रधानमंत्री रहते हुए किसानों के हितों के लिए और किसानों को सशक्त बनाने के लिए कई काम किये गए। चौधरी चरण सिंह को किसानों का हिमायती माना जाता है। चौधरी चरण सिंह ने 1979 से 1980 तक देश की सेवा की। अपने छोटे से कार्यकाल के दौरान, उन्होंने किसानों की स्थिति में सुधार लाने और उन्हें सशक्त बनाने के उद्देश्य से कई कल्याणकारी कार्यक्रम विकसित किए।
2001 में, भारत सरकार ने चौधरी चरण सिंह के योगदान और एक किसान से राज्य के मुखिया के रूप में उनके परिवर्तन का सम्मान करने के लिए 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
यह विशेष दिन हमारे किसानों, हमारे देश के विकास के पीछे के असली नायकों को एक बड़ा धन्यवाद देने के लिए है जिनके अथक प्रयास से भारत खाद्यान के मामले में आत्म निर्भर बन पाया है। यह उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश सहित भारत के कृषि और कृषक राज्यों में लोकप्रिय है।
भारत में National Farmers Day कब शुरू किया गया
भारत में रास्ट्रीय किसान दिवस मानाने की परंपरा साल 2001 से शुरू किया गया । तब से इसे अनवरत रूप से हर साल 23 दिसंबर को National Farmers Day के रूप में मनाया जाता है ।
National Farmers Day 2023 की थीम क्या है
National Farmers Day को हर साल अलग अलग थीम के साथ मनाया जाता है । साल 2023 में राष्ट्रीय किसान दिवस की थीम
“सतत खाद्य सुरक्षा और लचीलेपन के लिए स्मार्ट समाधान प्रदान करना”
(Delivering Smart Solutions for Sustainable Food Security and Resilience)
तय की गयी है। इसी थीम के तहत इस दिन को पुरे देश में हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। किसानो की मेहनत से आज देश आर्थिक तौर पर सशक्त बन रहा है । देश का हर नागरिक किसानो की मेहनत और उनके जज्बे को सलाम करता है ।
National Farmers Day का महत्व
राष्ट्रीय किसान दिवस आमतौर पर देश के कृषि और किसानी वाले राज्यों- उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है। इस दिन देश के कई हिस्सों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जहां किसानों को अपनी जरूरतों और लक्ष्यों के बारे में बात करने के लिए मंच मिलता है। किसानों को उनके उत्पादन को अधिकतम करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में इनोवेशन भी प्रस्तुत किए जाते हैं।
न्यूज़ पल किसी प्रकार का दावा नहीं करता। न्यूज़ पल सिर्फ खबरों का विश्लेषण करता है और कुछ नहीं।
Related News
PM Narendra Modi सुबह 11:40 बजे के आसपास वाराणसी से नामांकन दाखिल करेंगे। क्या है इस विशेष समय स्लॉट के पीछे का कारण ?
PM Narendra Modi प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मंगलवार, 14 मई कोRead More
Mumbai hoarding collapse : मुंबई के घाटकोपर में सोमवार को भारी बारिश और तूफान के कारण 70 मीटर लंबा बिलबोर्ड गिर गया।
Mumbai hoarding collapse मुंबई के घाटकोपर में होर्डिंग गिरने से मरने वालों की संख्या बढ़करRead More