Lata Mangeshkar : क्या आप जानते है लता दीदी ने अपना पहला गाना किस फिल्म के लिए गाया था ?
Lata Mangeshkar
Lata Mangeshkar भारत की सबसे लोकप्रिय और सम्मानित गायिका थीं। जिनका छह दशकों का करियर उपलब्धियों से भरा है। वर्ष 2001 में उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। लता मंगेशकर ने अब तक 20 से अधिक भाषाओं में 30000 से अधिक गाने गाए हैं।
Lata Mangeshkar की जीवनी
Lata Mangeshkar का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में पंडित दीनानाथ मंगेशकर के मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। लता मंगेशकर के दादा ब्राह्मण थे जबकि उनकी दादी मराठी थी। पिता दीनानाथ मंगेशकर शास्त्रीय गायक थे। हालाँकि लता का जन्म इंदौर में हुआ था, लेकिन उनका पालन-पोषण महाराष्ट्र में हुआ। उनके परिवार से भाई हृदयनाथ मंगेशकर और बहनें उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोसले सभी ने संगीत को अपनी आजीविका के रूप में चुना।
Lata Mangeshkar बचपन से ही गायिका बनना चाहती थीं। लता जी ने अपनी बहन आशा भोसले के साथ मिलकर फिल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान दिया है। लता ने पहली बार वसंत जोगलेकर द्वारा निर्देशित फिल्म कीर्ति हसल के लिए गाना गाया। उनके पिता नहीं चाहते थे कि लता फिल्मों के लिए गाएं इसलिए इस गाने को फिल्म से हटा दिया गया। लेकिन वसंत जोगलेकर उनकी प्रतिभा से बहुत प्रभावित हुए।
Lata Mangeshkar जब 13 वर्ष की थी तभी उनके पिता की मृत्यु हो गयी थी। अपने पिता की मृत्यु के बाद लता मंगेशकर को गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा और उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा। उन्हें अभिनय बहुत पसंद नहीं था लेकिन उनके पिता की असामयिक मृत्यु के कारण उन्हें पैसे कमाने के लिए कुछ हिंदी और मराठी फिल्मों में काम करना पड़ा।
Lata Mangeshkar का फ़िल्मी करियर
अभिनेत्री के रूप में उनकी पहली फिल्म पाहिली मंगलागौर (1942) थी, जिसमें उन्होंने स्नेहप्रभा प्रधान की छोटी बहन की भूमिका निभाई थी। बाद में उन्होंने माझे बाल, चिमुकला संसार (1943), गजभाऊ (1944), बड़ी मां (1945), जीवन यात्रा (1946), मांड (1948), छत्रपति शिवाजी (1952) सहित कई फिल्मों में अभिनय किया। बड़ी माँ में लता ने नूरजहाँ के साथ अभिनय किया और आशा भोंसले ने उनकी छोटी बहन की भूमिका निभाई। उन्होंने अपने किरदार के लिए गाना भी गाया और आशा के लिए पार्श्वगायन भी किया।
1947 में वसंत जोगलेकर ने लता को अपनी फिल्म आपकी सेवा में गाने का मौका दिया। इस फिल्म के गानों से लता काफी लोकप्रिय हो गईं। इसके बाद लता ने फिल्म मजबूर के “अंग्रेजी छोरा चला गया” और “दिल मेरा तोड़ा है मुझे कहीं का ना छोड़ा तेरे प्यार ने” जैसे गानों से अपनी स्थिति मजबूत की। हालाँकि, इसके बावजूद लता अभी भी उस खास हिट की तलाश में थीं।
1949 में लता को ऐसा मौका फिल्म ‘महल’ के गाने ‘आएगा आनेवाला’ से मिला। यह गाना उस समय की सबसे खूबसूरत और लोकप्रिय अभिनेत्री मधुबाला पर फिल्माया गया था। यह फिल्म बेहद सफल रही और लता और मधुबाला दोनों के लिए बहुत शुभ साबित हुई। इसके बाद लता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
उन्होंने अपना पहला गाना मराठी फिल्म ‘किती हसल’ (कितना हंसोगे?) (1942) में गाया था। लता मंगेशकर को सबसे बड़ा ब्रेक फिल्म महल से मिला। उनका गाना “आएगा आने वाला” सुपर डुपर हिट रहा। लता मंगेशकर ने अब तक 20 से अधिक भाषाओं में 30000 से अधिक गाने गाए हैं। लता मंगेशकर ने 1980 के बाद से फिल्मों में गाना कम कर दिया और स्टेज शो पर ज्यादा ध्यान देने लगीं।
लता एकमात्र जीवित व्यक्ति थीं जिनके नाम पर पुरस्कार दिये जाते हैं। लता मंगेशकर ने आनंद घन बैनर के तहत फिल्मों का निर्माण और संगीत भी तैयार किया है। वह हमेशा अपने पैरों से चप्पल उतारकर स्टूडियो, स्टेज आदि में नंगे पैर ही गाने गाती या रिकॉर्ड करती थीं। लता जी की जादुई आवाज की दीवानी भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया है। टाइम पत्रिका ने उन्हें भारतीय पार्श्व गायन की अपरिहार्य और निर्विवाद साम्राज्ञी के रूप में स्वीकार किया है। भारत सरकार ने उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया।
Lata Mangeshkar की मृत्यु
6 फरवरी 2022, रविवार को ब्रीच कैंडी अस्पताल, मुंबई में कोविड से संबंधित जटिलताओं के कारण उनकी मृत्यु हो गई। वह कुछ समय से बीमार थीं। उनकी बेहतरीन गायकी और सुरीली आवाज की पूरी दुनिया दीवानी है। सभी लोग उन्हें प्यार से ‘लता दीदी’ कहकर बुलाते हैं।
पुरस्कार
Lata Mangeshkar का फ़िल्मी करियर लाजबाब रहा। उन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर भारतीय फिल्म जगत में राज किया। उनकी आवाज़ का जादू इस कदर लोगो के मन मष्तिस्क पर छाया की लोग उनके द्वारा गाये गए गांव के दीवाने हो गए। उनकी प्रतिभा के लिए उनको कई पुरस्कार दिए गए। उनके जीवन का सबसे बड़ा पुरस्कार भारत सरकार द्वारा दिया गया भारत रत्न पुरस्कार था। साल 2001 में उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” दे कर सम्मानित किया गया।
- फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार (1958, 1962, 1965, 1969, 1993 और 1994)
- राष्ट्रीय पुरस्कार (1972, 1975 और 1990)
- महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार (1966 और 1967)
- 1969 – पद्म भूषण
- 1974 – विश्व में सर्वाधिक गीत गाने का गिनीज बुक रिकार्ड
- 1989 – दादा साहब फाल्के पुरस्कार
- 1993 – फ़िल्मफ़ेयर लाइफ़ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 1996 – स्क्रीन लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
- 1997 – राजीव गांधी पुरस्कार
- 1999 – एन.टी.आर. पुरस्कार
- 1999 – पद्म विभूषण
- 1999 – ज़ी सिने लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
- 2000 – आई.आई.ए. एफ. लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 2001 – स्टारडस्ट लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
- 2001 – भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न”
- 2001 – नूरजहाँ पुरस्कार
- 2001 – बंजारा पुरस्कार
- 2001 – महाराष्ट्र पुरस्कार
Lata Mangeshkar आज हम लोगो के बीच नहीं है लेकिन उनके द्वारा गाये गए गाने आज भी हम लोगो के बीच उनके होने का एहसास दिलाते है।
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